Exam Crack with Topper

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Sunday, March 24, 2019

               Use of Let:-  

आपने आजकल देखा होगा english  हमारे लिए कितनी अहम हो गयी है चाहे फिर कोई भी field क्यों न हो,हम आज Use of Let with examples पर विस्तार से चर्चा करेगें जो Use of Let से related सारे doubt solve कर 
दे।  अब बिना time waste किए Use of Let in hindi के बारे में सीखेगें।
Use of Let in hindi,Use of Let with examples
Use of Let

 How to Use of Let in sentence:~


Let का अर्थ-  to Allow 

1. Let me:-

जब  हम  किसी  से  अनुमति  माँगते  हैं  तो  let  का use  करते  हैं, नीचे  दिए  गये  examples  से स्पष्ट हो  जाएगा -

Examples:-

           1.  मुझे  बात  करने  दो।
               Let  me  talk.
           2.  मुझे  उसके  साथ  खेलने  दो।
               Let  me  play  with  him.
           3. मुझे  बाजार  जाने  दो।
               Let  me  go  to  market.
         
Note:~
          Let  को allow  से  replace  कर  सकते  हैं 
for example:-
                   
                     मुझे  बाजार  जाने  दो।
                     Allow me go to market.
                   4. मुझे  उसके  साथ  घूमने  दो।
                     Let me wander  with  him.

Note:~
         Modern  english मेें, Let me, को ,lemme, बोलते  हैं ।
For example-
             
                   5. मुझे  पढ़ने  दो।
                   Lemme  read .

2.Let us:~
               इसे  निम्न  प्रकार  स्पष्ट  किया  जा  सकता  है-
For examples-

              6. आओ  मूवी  देखते  हैं।
                Let  us  watch  movie.
              7.आओ  पढ़ते  हैं।
               Let  us  read.
               OR.   Let's read.

Note:~
           Let us  को  Let's  से  replace  कर  सकते हैं modern  english  में  यही (let's)  बोलते हैं।

हम  आशा  करते   हैं  कि  आप Use of Let  को  अच्छी  तरह  समझ  गये  होगें।

                 Thank u...

Wednesday, February 27, 2019

Imp. Wild-life & Bird  Sanctuary in  UP:
Wild-life sanctuary in UP, Bird Sanctuary in UP
Imp.Wild-life & Bird Sanctuary


Wild-life & Bird  Sanctuary in  UP   UP  State   exam   की जाए  तो   इससे  question  जरुर  आना   ही   है । इन्हीं  बातों   को   ध्यान   रखते   हुए   आज   हम  बिना  time  waste  किये   हुए  Wild-life  &  Bird  Sanctuary  in  UP  को  एक   साथ  पढ़गें। 

उत्तर प्रदेश   में   मुख्यतः  23   वन्यजीव   और  पक्षी अभ्यारण्य  (Wild-life & Bird Sanctuary)  हैं । जो   इस   प्रकार  हैं--


अभ्यारण               स्थान                  स्थापना             

1.बखीरा             सन्तकबीर नगर         1980   
        

2.हस्तनापुर         अमरोहा,                   1986
                     मेरठ और मुजफ्फरनगर


3.कैमूर                  मिर्जापुर  तथा        1982
                              सोनभद्र                  


4.चंद्र प्रभा                चंदौली                 1957



5.कचुआ                 वाणारसी               ----
   

6.लाख-बहोसी           कन्नौज                 -----


7.महावीर स्वामी        ललितपुर              -----



8.कटरनियाघाट          बहराइच                1975


9.किशनपुर              लखीमपुर खीरी       1972



10.नवाबगंज पक्षी        उन्नाव                   ------



11.ओखला           गाजियाबाद तथा 
                            गौतम बुद्ध नगर          ------



12.पटना पक्षी              एटा                1991




13.रानीपुर             बांदा तथा चित्रकूट    1977



14.पार्वती अरंगा पक्षी      गोंडा      1990(घोषित)



15.राष्ट्रीय चंबल         गौतम बुद्ध नगर     -------



16.समन                   मैनपुरी                   1990



17.सैंडी पक्षी              हरदोई                  1990



18.सुर सरोवर            आगरा                   ------



19.सोहागी बरवा       महाराजगंज           ------



20.सुहेल्वा           बलरामपुर,गोंडा
                          श्रावस्ती                       1990(वन्यजीव अभ्यारण घोषित)



21.समसपुर          रायबरेली              1987



22.सुरहा ताल        बलिया             1991(पक्षी    
                                                 अभयारण घोषित ) 



23.विजई सागर       महोबा                 1990




Wild-life & Bird  Sanctuary in  UP  को  स्थापना   वर्ष   के   साथ   अच्छी   तरह   से   बताया गया  है , इस   article   में   वो  सारे   Imp.  Wild-life  &  Bird  Sanctuary  in  UP  को   cover  किया  गया  है।


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Monday, February 25, 2019

      Discuss about to  Article :370
#explain about to art.370

Background:~India,15Aug.1947 को आजाद हुआ और उसके आजाद होते ही जम्मू और कश्मीर भी आजाद हो गया था। भारत की आजादी के समय यहाँ के शासक राजा हरि सिंह थे, ये अपनी रियासत को स्वतन्त्र राज्य रखना चाहते थे,लेकिन 26 Oct.1947 को पाकिस्तान समर्थित आजाद कश्मीर सेना ने (पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर) कश्मीर पर आक्रमण कर दिया और काफी हिस्से  पर अधिकार कर लिया ।

इस स्थिति में, जम्मू और कश्मीर की रक्षा करने के लिए शेख़ अब्दुल्ला की सलाह पर राजा हरि सिंह ने जवाहर लाल नेहरु के साथ 26 Oct. 1947 को भारत के साथ जम्मू और कश्मीर के  विलय की घोषणा कर दी और Instruments of Accession of Jammu and Kashmir to India पर अपने signature कर दिये।
इस नये बने समझौते के अनुसार, जम्मू और कश्मीर ने अपने राज्य की रक्षा, विदेशी मामले और संचार की जिम्मेदारी India को सौंप दी, इसके साथ ही भारत सरकार ने वादा किया कि इस राज्य के लोग अपनी स्वयं की संविधान सभा के माध्यम से राज्य के आंतरिक संविधान का निर्माण कर सकेगेें तथा जब तक राज्य की संविधान सभा, शासन व्यवस्था और अधिकार क्षेत्र की सीमा का निर्धारण नहीं कर लेती हैं तब तक भारत का संविधान केवल राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान कर सकता है।
इस समझौते  के साथ Article 370 को भारत के संविधान में शामिल किया गया है जिसमें कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में ये नियम अस्थायी हैं। इन नियमों को 17Nov.1952 से लागू किया गया था।
#jammu and kashmir constitution

                   Article :-370

Explanation:~

क) जम्मू और कश्मीर, भारतीय संघ का एक संवैधानिक राज्य है लेकिन इसका नाम, क्षेत्रफल और सीमा को केंद्र सरकार बदलना चाहे तो यह तभी सम्भव है जब इसकी अनुमति राज्य सरकार देगी।

ख) Art.370 के कारण ,जम्मू और कश्मीर का अपना संविधान है तथा इसका प्रशासन Art.370 के अनुसार चलाया जाता है ना कि भारत के संविधान के अनुसार।

ग) जम्मू और कश्मीर के पास 2 झन्डे हैं, एक अपना(कश्मीर) राष्ट्रीय झंडा है तथा एक भारत का तिरंगा झंडा यहाँ का राष्ट्रीय ध्वज है।

घ) इस.Art. के कारण , सभी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य से मंजूरी लेनी पड़ती है (exception:-रक्षा, विदेशी मामले और संचार )
ड़) इस राज्य में संपत्ति का मूलभूत अधिकार अभी भी लागू है अर्थात देश के अन्य राज्यो के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते

च) यदि कोई कश्मीरी महिला जब भारतीय से शादी करती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता ख़त्म हो जाती है लेकिन यदि वही महिला किसी पाकिस्तानी से शादी कर लेती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता बनी रहती हैै, इसके विपरीत यदि कोई पाकिस्तानी लड़का किसी कश्मीरी लड़की से शादी कर लेता है तो उसे भारतीय नागरिकता भी मिल जाती है।

च)भारतीय संविधान के भाग 4 (राज्य के नीति निर्देशक तत्व) तथा भाग 4 A (मूल कर्तव्य) इस राज्य में लागू नहीं हैं।मतलब यह है कि प्रदेश के नागरिकों के लिए महिलाओं की अस्मिता, गायों की रक्षा और देश के झंडे इत्यादि का सम्मान करना जरूरी नहीं । (**जम्मू और कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों (राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज इत्यादि) का अपमान करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।)

 छ)Art. 370 के कारण ही केंद्र सरकार,राज्य  पर वित्तीय आपातकाल (Art.360) जैसा कोई भी कानून नहीं लगा सकती अर्थात यदि भारत में कोई वित्तीय संकट आ जाता है  तब भारत रसरकार वित्तीय आपातकाल की घोषणा करती है तो इसका जम्मू और  कश्मीर राज्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

ज) इस.Art. के कारण ही.कश्मीरियों के पास 2 प्रकार की नागरिकता है, एक कश्मीर की तथा दूसरी भारत की।

झ) जब भारत के संविधान में किसी प्रकार का संशोधन  होता है तो यह जम्मू और कश्मीर पर स्वतः लागू नहीं होता है  इसे राष्ट्रपति के विशेष आदेश द्वारा लागू किया जाता है।

ञ) जम्मू & कश्मीर पर केवल दो स्थितियों मेंं केन्द्र सरकार आपातकाल लग सकती है पहला युद्ध और दूसरा बाहरी आक्रमण।

ट)यदि भारत में आंतरिक अव्यवस्था के कारण राष्ट्रीय आपातकाल लगा दिया जाए तो इसका प्रभाव जम्मू और कश्मीर पर तब तक नहीं पड़ेगा जब तक राज्य की सरकार इसे राज्य में लागू करने की मंजूरी न दे दे।

Note:-a)इस राज्य की सरकारी नौकरियों में केवल इसी राज्य के  Permanent ही सिलेक्शन ले सकते हैं इसके अलावा  राज्य Scholarship local के लोगों को ही मिलती है।

B) केंद्र सरकार; जम्मू और कश्मीर राज्य के अंदर की अव्यवस्थथा के कारण वहां राष्ट्रीय आपातकाल नहीं लगा सकती है, उसे ऐसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी।

हम आशा करते हैं कि आप ऊपर दी हुई जानकारी को पूरी तरह से समझ गए होगे...

                          ................
                          Thank u


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Sunday, February 24, 2019

            

  ~: ईस्वी(AD) तथा ईसा पूर्व(BC) में अन्तर :~


#jesus christ

 आधुनिक समय में  गणना ईसाई धर्म के प्रवर्तक (Founder) ईसा-मसीह (Jesus Christ)के जन्म- तिथि के आधार पर की जाती है।

उदाहरण :- यदि कोई घटना वर्ष 2019 में होती है तो इसका अर्थ यह है कि यह घटना Jesus Christ के जन्म के 2019 वर्ष बाद घटी है।  इसके साथ आपने यह भी देखा होगा कभी -कभी तिथियों के पहले ईस्वी (AD) लिखा होता है। 
       AD(Anno Domini), जो दो लैटिन शब्दों से मिलकर बना हुआ है।   A.D. का अर्थ लैटिन भाषा में -हमारे ईश्वर का वर्ष होता है। इसका उपयोग जूलियन और ग्रेगेरीयन कैलेंडर में  किया जाता है। A.D., Jesus Christ के जन्म के बाद के कैलेंडर युग को दर्शाता है. 
  
  Note:~Jesus Christ का जन्म जिस वर्ष हुआ था उसे परंपरागत रूप से आधार मानकर, 1 AD और उससे 1 वर्ष पहले को 1 BC के रूप में स्वीकार किया गया है. यह कैलेंडर  525 AD में तैयार किया गया था।
      
         आपने यह भी देेेखा होगा कि कभी कभी AD की जगह CE; तथा BC की जगह BCE का प्रयोग होता है। CE का अर्थ-Common Era से और BCE का अर्थ-  Before Common Era सेे होता है । 
         इसके साथ ही कभी कभी  B.P. का प्रयोग भी होता है जिसका अर्थ है-Before Present  (वर्तमान से पहले)।

                    :~AD और BC में अंतर~:
#diffrence between AD and BC


AD का मतलब ईसा मसीह के जन्म के बाद की तारीख से है जबकि BC का मतलब ईसा मसीह के जन्म के पहले से है।

*AD का फुल फॉर्म Anno Domini होता है जबकि BC का फुल फॉर्म Before Christ होता है।

* AD  का दूसरा नाम CE (Common Era) के नाम से भी जाना जाता है जबकि BC का एक अन्य नाम BCE (Before Common Era) है।
Note:~
 जब हम किसी भी तिथि को AD में लिखते हैं तो  तिथि के पहले  AD जोड़ा जाता है ,उदा०-AD2019 जबकि तिथि को BC मेंं लिखने के लिए बाद में BC जोड़ा जाता है उदा०-356BC

* AD अथवा CE में वर्ष chronological order में गिने जाते हैं, अर्थात् वर्ष 200 ईस्वी के बाद 201 ईस्वी आता है जबकि BC or BCE में इसका उल्टा होता है और 401 ई.पू. या BC के बाद 400 ई.पू. आता है.

उदाहरण: सिकंदर का जन्म 356 ई.पू. (356 BC) में अर्थात ईसा-मसीह के जन्म से 356 वर्ष पहले हुआ था, जबकि उसकी मृत्यु 323 ई. पू. (323 BC) में अर्थात ईसा-मसीह के जन्म से 323 वर्ष पहले हुआ था.

हम आशा करते हैं कि ऊपर दिए गए अंतरों को पढने के बाद आप “ईस्वी (AD) और ईसा पूर्व (BC)” में अंतर को समझ गए होंगे ।
                            ....................

                         Thank u


              :~सिन्धु जल पर समझौता~:


#indus water treaty

प्रकृति ने इंसान को बहुत सारी चीजें वरदान स्वरूप दी हैं जिनमें से एक जल भी है।
जल प्रकृति का इंसान को दिया हुआ सबसे अनमोल उपहार है इसकी ही वजह से पृथ्वी पर जीवन संभव है । देश के जीवविज्ञान से लेकर उसकी अर्थव्यवस्था तक सभी पहलुओं में जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है तथा संसार की सम्पूर्ण जाति के लिए उपयोगी है।

                                  समझौता:~
यह सन्धिटपंटट सिंधु एवं उसकी सहायक नदियों के जल के अधिकतम उपयोग के लिए भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार के बीच की गई संधि है। 19 सितंबर, 1960 को कराची (पाकिस्तान) में पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक (अब विश्व बैंक) की मध्यस्थता में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इसके तहत तीन पूर्वी नदियों(रावी,व्यास सतलज तथा इनकी सहायक नदियाँ) और तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब और उनकी सहायक नदियां) के जल का वितरण की व्यवस्था की गई है।

                      इसके पीछे का इतिहास:~

यह समस्या तब  उत्पन हुई थी जब नया बना राज्य भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली से सिंचाई और अन्य प्रयोग के लिए पानी के वितरण, और उसके प्रबंधन के लिए मतभेद शुरू हो गया था। पाकिस्तान को यह  आशंका थी कि यदि भारत, सिंधु एवं उसकी सहायक नदियों के जल पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेगा तो पाकिस्तान में कृषि एवं अन्य कार्यों के लिए पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाएगी। जबकि इसके विपरीत भारत का दावा यह था कि  सिंधु एवं उसकी सहायक नदियों का प्रवाह भारत में अधिक है इसलिए वह इसने अधिकतम जल का उपयोग करेंगा।


             सिंधु जल समझौता का संक्षिप्त विवरण

A). संधि का अनुच्छेद 1, संधि में प्रयुक्त शब्दों का व्याख्यान और उनके नाम का मतलब भी स्पष्ट करता  है। उदाहरण  सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास एवं सतलज नदियों, उनको जोड़ने वाले झीलों और इनकी सभी सहायक नदियाँ।

B). सन्धि के अनुसार ,पूर्वी नदियों का पानी (कुछ अपवादों को छोड़कर) भारत बिना किसी की इजाजत के इस्तेमाल कर सकता है ,जबकि पश्चिमी नदियों का पानी पाकिस्तान इस्तेमाल कर सकता है (लेकिन सन्धि के तहत इन नदियों के पानी का कुछ सीमित इस्तेमाल का अधिकार भारत को दिया गया है, जैसे:-बिजली बनाना, कृषि के लिए सीमित पानी इत्यादि।
#indus treaty with pakistan

C)भारत को विभिन्न प्रयोजनों के लिए पश्चिमी नदियों के 3.6 एम.ए.एफ. पानी के भंडारण हेतु निर्माण करने की अनुमति दी गई है। लेकिन भारत द्वारा अब तक भंडारण के लिए कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है।

D) सन्धि के अनुसार ,भारत निम्न के लिए पश्चिमी नदियों के जल प्रवाह को नहीं रोकेगा:

(a)अप्रयुक्त जल प्रवाह का उपयोग (b) कृषि के लिए उपयोग (c)घरेलू इस्तेमाल (d)जलविद्युत के लिए उपयोग।


E) भारत को 1 अप्रैल, 1960 से कुल सिंचित फसल क्षेत्र (ICA) के अतिरिक्त 7,01,000 एकड़ में कृषि कार्य करने की अनुमति दी गई है।  (1अप्रैल, 1960 की सन्धि के अनुसार कुल ICA 9,12,477 एकड़) और 0.5 M.A.F पानी प्रत्येक साल से वहां जारी किया जाता है ।
Note:~
      2011-12 के दौरान कुल सिंचित फसल क्षेत्र (आईसीए) 7,84,955 एकड़ थी।

F) इस सन्धि के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने  सिन्धु जल आयुक्त के रूप में एक स्थायी पद का श्रृृृजन किया है। इसके साथ-साथ दोनों देशों ने एक स्थायी सिंधु आयोग (PIC) का श्रृृृजन किया है यह,संधि के कार्यान्वयन के लिए नीतियां बनाता हैं। यह आयोग प्रत्येक वर्ष अपनी बैठकें तथा यात्राएं आयोजित करता है एवं दोनों सरकारों के समक्ष अपने काम की रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। 
    (**यह आयोग अभी तक 117 यात्राएं और 110 बैठकों का आयोजन कर चुका है)

G)इसके  नियमानुसार ,भारत जल के भंडारण और जल विद्युत परियोजनाओं की जानकारी पाकिस्तान को उपलब्ध करायेगा।

H) इसके  नियमानुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों हर तीन महीने में नदी-प्रवाह से संबंधित जानकारी और हर साल कृषि उपयोग से संबंधित जानकारी को एक-दूसरे के साथ साझा करना आवश्यक हैं।

I) इसके नियमानुसार, भारत हर साल 1 जुलाई से 10 अक्टूबर के बीच पाकिस्तान को बाढ़ से संबंधित आंकड़ो की जानकारी प्रदान करेगा ।
   Note:~ दोनों देशों के बीच बाढ़ से संबंधित आंकड़ो की हर साल समीक्षा की जाती है।

J) इसके नियमानुसार, दोनों देशों के मध्य उत्पन्न होने वाले मतभेदों और विवादों के निपटारे के लिए दोनों आयुक्त एक-दूसरे के साथ बात करते हैं लेकिन यदि निर्णय नहीं हो पाता है तो मध्यस्थ की मदद लेकर अथवा Court of Arbitration  में जा सकते हैं।
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                      Thank u